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ताजमहल के बारे में 15 रोचक तथ्य | 15 interesting facts about the Taj Mahal

ताजमहल के बारे में 15 रोचक तथ्य

      आज हम बात करेगे एक ऐसी इमारत की जिसे प्यार की निशानी कहा जाता है जिसका नाम है ताजमहल. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है. आज हम आपको घर बैठे ताज़महल में ऐसी बातें बताएगें जो इसे देखकर आने वाले लोगो को भी नही पता होती.. तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं…
ताजमहल के बारे में 15 रोचक तथ्य | 15 interesting facts about the Taj Mahal
             
1.1632 में ताजमहल को बनाने में 3.2 करोड़ रूपए खर्च हुए थे. लेकिन यदि आज ताज़महल बनाया जाता तो लगभग 6800 करोड़ रूपए खर्च होते.

2. यदि इतिहास पर नजर डाली जाए तो ताज़महल शाहजहाँ ने बनवाया था. शाहजहाँ ने कुल 7 शादियाँ की थी और ताज़महल का निर्माण अपनी चौथी बेगम मुमताज़ की याद में करवाया था. मुमताज़ की मौत 14वें बच्चें को जन्म देते हुए हुई थी. मुमताज की मौत के बाद शाहजहाँ ने उसकी बहन से शादी कर ली थी.

3. विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को बनाने में 22 साल लगे थे. इसे बनाने का काम 1632 में शुरू हुआ और 1653 में खत्म हुआ. इसे पूरा करने में लगभग 22,000 मजदूरों का हाथ था.

4.  हिंदुओ के अनुसार ताजमहल एक शिव मंदिर है जिसका असली नाम है “तेजोमहालय“. क्योकिं किसी भी मुस्लिम देश में ऐसी कोई इमारत नही है जिसके नाम में महल आए. ‘महल’ मुस्लिम शब्द नही हैं. ऐसी ही और भी कई बातें हैं.

5. आपको शायद मेरी तरह अजीब लगे, ताज़महल लकड़ियों पर खड़ा हुआ है. ये ऐसी लकड़ी है जिसे मजबूत रहने के लिए नमी की जरूरत होती है जो यमुना नदी से मिलती रहती हैं. 

6. ताज़महल के चारों मीनारों को इस तरह से बनाया गया है, कि चाहे भूकंप आए या बिजली गिरे ये बीच वाले गुबंद पर नही गिरेगी.

7. ताजमहल दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इमारत है. हर रोज पूरी दुनिया से लगभग 12,000 लोग इसे देखने आते हैं.

8. सफेद ताजमहल बनने के बाद शाहजहाँ का सपना था कि वह अपने लिए एक ऐसा ही काला ताज़महल भी बनवाएँ. लेकिन उनके बेटे औरंगजेब ने उन्हें घर में ही कैद कर दिया और उसका सपना पूरा नही हो सका.

9. ताज़महल का रंग बदलता है सुबह देखने पर गुलाबी, रात को दुधिया सफेद और चाँदनी रात को सुनहरा दिखाई देता हैं. लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण ताजमहल का रंग हल्का पीला पड़ने लगा है इसलिए इसके आसपास पेट्रोल और डीजल के वाहन बंद है.

10. ताजमहल के सभी फव्वारें एक साथ काम करते है क्योकिं सभी फव्वारों के नीचे एक तांबे का टैंक है. ये सभी टैंक एक साथ भरते है और दबाव बनने पर एक साथ पानी छोड़ते हैं.

11. World War II, 1971 भारत-पाक युद्ध और 9/11 के हमले के बाद ताज़महल को बांस के घेरों से ढक दिया था. ताकि ताजमहल को क्षति से बचाया जा सके.
ताजमहल के बारे में 15 रोचक तथ्य | 15 interesting facts about the Taj Mahal

12.  ताज़महल को बनाने में 28 अलग-अलग पत्थरों का इस्तेमाल किया गया. इसमें लगा हुआ संगमरमर पत्थर राजस्थान, चीन, अफगानिस्तान और तिब्बत से आया था. ताजमहल की सजावट का समान ले जाने के लिए 1,000 हाथियों का इस्तेमाल किया गया था.

13. बचपन से सुनते आए है, कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए थे, ताकि वो कोई दूसरा ताजमहल ना बना सकें. लेकिन ये एक अफवाह सी लगती है क्योकिं “अहमद लौहरी” जिसने ताजमहल बनाने वाले दल में काम किया था, ने लाल-किले के निर्माण में सहयोग किया था.

14. शाहजहाँ चाहता था कि ताज़महल में कोई कमी नही रहें.. लेकिन ताजमहल में एक छेद है जिसका पानी सीधा मुमताज़ की कब्र पर गिरता हैं. कहा जाता है कि जब कारीगरों के हाथ काटने का आदेश दिया गया तब एक कारीगर ने यह छेद किया था. ताजमहल में एक कमी ये भी है कि दीवारों पर बने 11 नक्काशीदार पिल्लरों में से एक का आकार गोल है बल्कि बाकी दस तिकोनी डिजाइन में हैं.

15. यदि आपसे पूछा जाए कि ताजमहल ऊँचा या कुतुब मीनार ? तो आप कहेंगे कुतुब मीनार. लेकिन आपको बता दे कि ताजमहल, कुतुब मीनार से 5 फुट ऊँचा हैं.

♦️रोचक सवाल और जवाब♦️

👉Q.1. दुनिया के 7 अजूबों में ताज़महल किस नंबर पर आता हैं ?
Ans. दुनिया के सात अजूबों में ताज़महल तीसरे नंबर पर आता हैं.

👉Q.2. क्या कोई अमीर आदमी या आप ताज़महल को खरीद सकते है ?
Ans. अरे भाई, ये एक स्मारक हैं जैसे राष्ट्रपति भवन, संसद आदि को हम नही खरीद सकते वैसे ही इसे भी नही खरीद सकते.


➡️ विश्व युद्ध के बाद नहीं बचता ताजमहल
     द्वितीय विश्‍व युद्ध में धरती के सात अजूबों में से एक ताजमहल के ध्वस्त होने का खतरा मंडराने लगा था। उस वक्त अगर आर्मी के साथ-साथ लोगों ने अपनी चतुराई नहीं दिखाई होती तो आज हमारे सामने ये ऐतिहासिक धरोहर नहीं होती है। आपको बता दें कि उस वक्‍त ब्रिटेन ने अमेरिकी सेना के सहयोग से ताजमहल को बांस व बल्लियों से पूरी तरह ढंक दिया था। इससे जापान और जर्मनी के फाइटर विमानों को बेवकूफ बनाने की कोशिश की गई थी।
      आगरा में स्थित भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) के ऑफिस में वर्ष 1942 में खींची गई तस्‍वीरें मौजूद हैं। ये उस बात का सबूत हैं कि कैसे ताजमहल को निस्तेनाबूद होने से बचाने के लिए पहल की गई थी। 
ऑफिशियल्स के मुताबिक उस वक्त भारत की मदद कर रहे मित्र देश अमेरिका, ब्रिटेन व अन्‍य को खूफिया सूचना मिली थी कि जापान और जर्मनी ताजमहल पर बम बरसाने की कोशिश करने वाले है। इसी के बाद तुरंत ताजमहल को ढक दिया गया था।

➡️ सिर्फ शुरुआत में ली गईं फोटोज
     उस वक्‍त गुंबद को पूरी तरह से ढंका गया और इसकी तस्‍वीरें ली गईं। बाद में पूरे ताजमहल को ढंका गया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसके बाद की तस्‍वीरें नहीं ली गईं।

➡️ पाकिस्तान से भी था खतरा
     इतना ही नहीं कुछ इतिहासकारों के मुताबिक आजादी के बाद भी एक बार ताजमहल को ढंका गया था। भारत-पाकिस्‍तान युद्ध के दौरान वर्ष 1971 में ताजमहल पर खतरा मंडराने लगा था। "उस वक्‍त ताजमहल को हरे कपड़े से ढंका गया था।" ताकि पाकिस्‍तानी विमानों को ताजमहल की जगह हरियाली नजर आए।
     दरअसल, यह खतरा इसलिए भी था, कि पाकिस्‍तानी बमवर्षक विमानों ने ताजमहल से करीब 10 किलोमीटर दूर एयफोर्स स्‍टेशन पर बम गिराए थे।






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