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There are new Traffic 🚥 Rules 2019


जान लीजिए नए ट्रैफिक 🚦 नियम नहीं तो जुर्माना भरने में हालत खराब न जाए...       

      मोटर 🚐 वाहन (संशोधन) विधेयक पहले प्रस्तावित किया गया था। और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा पारित कर दिया गया है।  संशोधनों के अनुसार नया बिल यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाएगा। मोटर वाहन अधिनियम में उल्लेखनीय बदलावों में से एक में उन लोगों पर 10,000 ₹ का जुर्माना शामिल है जो सड़क पर एम्बुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं।
     संसद की स्थायी समिति के अनुसार, प्रस्तावों को पहले 18 भारतीय राज्यों के परिवहन मंत्रियों द्वारा आगे रखा गया था। यह पहले लोकसभा में पारित किया गया था, और अब इसे राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई है।

Fines as per new traffic rules 2019

 ️ ▶️ नये ट्रैफिक नियमों के अनुसार जुर्मानों की सूची :-

01. ओवर स्पीडिंग – 1000 से 2000 ₹

02. बिना बीमा के ड्राइविंग – 2000 ₹

03. बिना हेलमेट के ड्राइविंग – 1000 + 3 महीने का लाइसेंस निलंबन।

04. अधिकारियों के आदेशों की अवज्ञा – 2000 ₹

05.  बिना लाइसेंस के वाहनों का अनाधिकृत उपयोग – 5000 ₹

06.  अयोग्यता के बावजूद ड्राइविंग – 10,000 ₹

07.  खतरनाक ड्राइविंग – 5000 ₹

08.  नशे में गाड़ी चलाना – 10,000 ₹

09.  बिना सीट बेल्ट के ड्राइविंग – 1000 ₹

10.  वाहनों की ओवरलोडिंग – 20,000 ₹

11.  वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करने पर 5,000 ₹ जुर्माना

12.  ट्रैफिक लाइट जंप करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना और एक साल तक की जेल।
 
13.  आपातकालीन वाहनों जैसे कि एम्बुलेंस इत्यादि को रास्ता नहीं देने के लिए 10,000 ₹ जुर्माना

14.  हिट एंड रन केस में सरकार द्वारा पीड़ित पक्ष को 2 लाख रुपये की सहायता, जो अब तक केवल ही 25,000 ₹ थी

▶️  नाबालिकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर हो सकती है वाहन मालिक और अभिभावकों को सजा :-

  किसी नाबालिक द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर अब उसके अभिभावकों और वाहन मालिक को सजा हो सकती है। नाबालिक के अभिभावक को 3 साल की कैद और 25000 ₹ जुर्माना हो सकता है। इस प्रकार के उल्लंघन में वाहन का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। जब तक अभिभावक यह न साबित कर दें कि यह उनकी जानकारी के बिना किया गया था, और उन्होंने इसे रोकने की कोशिश की तभी वह कार्यवाही से बच सकतें हैं।


▶️️ अब बिना डरे करिए घायलों की मदद नहीं करेगी पुलिस परेशान :-

    बहुत मामले में लोग घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने से कतराते हैं, क्योंकि उनके मन में डर रहता है कि पुलिस उनसे पूछताछ करेगी। नए ट्रैफिक नियमों के अनुसार अब दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को पुलिस द्वारा पूछताछ से डरने की जरूरत नहीं है।
★     इन नए नियमों के आने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी और लोगों की जानें भी बचेगी। शायद नारी जुर्माने के डर से ही लोग यातायात नियमों का सही से पालन करने लगें। केंद्र सरकार इन जुर्मानों में हर साल 10% की बढ़ोतरी भी कर सकती है।




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