राजीव दीक्षित के बारे में रोचक तथ्य - Interesting facts about Rajiv Dixit
राजीव दीक्षित के बारे में 15 रोचक तथ्य...
आज हम बात करेगे एक ऐसे आदमी की, ‘स्वदेशी‘ जिसकी रग रग में भरा पड़ा था. जो बात कहता था तो पूरे तथ्यों के साथ. जो एक रहस्यमयी मौत मरा. नाम था भाई राजीव दीक्षित1. यदि आज राजीव दीक्षित जिंदा होते तो अब तक शायद भारत में स्वेदेशी और आयुर्वेद का सबसे बड़ा ब्रांड बन चुका होता. रामदेव के ‘पतंजलि‘ से भी बड़ा।
2. राजीव दीक्षित का जन्म 30 नवंबर 1967, यूपी के अलीगढ़ में राधेश्याम और मिथिलेश कुमारी के घर हुआ. राजीव दीक्षित IIT से M.Tech पास थे. बताते है कि उन्होनें डाॅ. अब्दुल कलाम के साथ भी काम किया।
3. राजीव दीक्षित अंगूठे पर मेथी का दाना बाँधकर जुकाम ठीक कर लेता था. कहता था कि वह पिछले 20 सालों में कभी बीमार नही पड़ा।
4. राजीव दीक्षित बचपन में हर महीने 800 रूपए सिर्फ मैगजीन और अखबार पढ़ने में खर्च करते थे. इस शख्स की रूचि बालकपन से ही देश की समस्याओं को जानने में थी।
5. भाई राजीव दीक्षित जी ‘स्वदेशी‘ के प्रखर प्रवक्ता थे. उनके मन में बस एक बात बैठी हुई थी ‘स्वदेशी, स्वदेशी, स्वदेशी. वो देश से वैश्वीकरण और उदारीकरण को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते थे।
6. राजीव दीक्षित, विदेशी कंपनियों को देश से भगाना चाहते थे. वो भारत के मेडिकल सिस्टम को आयुर्वेद पर आधारित करना चाहते थे।
7. राजीव दीक्षित भारत के पूरे सिस्टम को बदलना चाहते थे. वो भारत के एजुकेशन सिस्टम को मैकाॅले की देन बताते थे. उनके अनुसार शिक्षा के लिए गुरूकुल सिस्टम बेस्ट है।
8. राजीव दीक्षित ने पूरे देश में घूम-घूमकर स्वदेशी का प्रचार किया. और अपने जीवन में 13 हजार से ज्यादा व्याख्यान दिए. इनके व्याख्यान आज भी इंटरनेट पर उपलब्ध है. आप यूट्यूब पर विडियों देख सकते है या फिर गूगल पर सर्च कर सकते है।
9. राजीव दीक्षित के गुरू थे इतिहासकार और प्रोफेसर ‘धर्मपाल‘. धर्मपाल ने ही राजीव को इंग्लैंड के पुस्तकालय से बड़ी मुश्किल से इकट्ठे करके भारत की आजादी के दस्तावेज दिए थे.
10. राजीव दीक्षित, जवाहरलाल नेहरू को देश के सबसे बड़े दुश्मन की तरह देखते थे. यह शख्स अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, अटल बिहारी वाजपेयी और ममता बनर्जी जैसी हस्तियों से लगातार बातचीत का दावा करता था।
11. शादी न करने वाले राजीव अपनी बात मनवाने के लिए भावना-प्रधान दावे पेश करते थे. वो कहते थे कि 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी कोई हादसा नही बल्कि भारतीय गरीबों पर कराया गया अमेरिका का एक परीक्षण था. वो कहते थे कि 9/11 यानि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर खुद अमेरिका ने करवाया था. वो कहते थे भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू गाय का माँस खाते थे. ऐसे ही राजीव ने कई विवादास्पद दावे किये. आप यूट्यूब पर विडियों देख सकते है।
12. इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को देखा जाए तो राजीव भाई 1999 में बाबा रामदेव के संपर्क में आए. उन्होनें ही रामदेव को काले धन वगरैह के बारे में बताया, इससे रामदेव प्रभावित हो गए और विचार मिलने के बाद दोनों एक साथ काम करने को सहमत हो गए।
13. 2009 में राजीव और रामदेव ने एक आंदोलन शुरू किया था ‘भारत स्वाभिमान आंदोलन‘. इस आंदोलन का मकसद था भारत को पूरी तरह स्वदेशी बनाना, बुद्धिमान और ईमानदार लोगो को एकजुट करना, भारत को विश्वशक्ति बनाना. ये चाहते थे कि लोगो को जोड़ने के बाद 2014 में एक नई पार्टी का विकल्प रखेगे. और लोकसभा चुनाव में दावेदारी पेश करेगे.
14. राजीव दीक्षित जी की मौत उसी दिन हुई जिस दिन जन्म हुआ था. 30 नवंबर, मतलब उनकी जयंती और पुण्यतिथि एक ही दिन है।
15. राजीव दीक्षित मृत्यु: 30 नवंबर 2010, को छतीसगढ़ के भिलाई में हुआ राजीव दीक्षित का निधन एक खबर भी न बन सका. इनकी मौत पर मीडिया पूरी तरह से साइलंट रही. राजीव दीक्षित की मौत आज भी एक रहस्य बनी हुई है. इसका असली कारण है पोस्टमार्टम ना करना लेकिन क्यों ? एक सवाल ये भी कि राजीव का मृत शरीर हरिद्वार में रामदेव के पतंजलि में क्यों ले जाया गया,
सेवाग्राम(राजीव दीक्षित का घर) में क्यों नही ? एक सवाल ये भी कि मरने के बाद राजीव की बाॅडी नीली क्यों पड़ गई थी ? ऐसा लग रहा था मानो किसी ने जहर दे दिया हो.. कही ये कोई षडयंत्र तो नही था. राजीव के समर्थक तो यही मानते है कि ये सब रामदेव का किया कराया था क्योकिं रामदेव, राजीव को अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वि के रूप में देखते थे।
वैसे तो राजीव दीक्षित किसी परिचय के मोहताज नही , इनके व्यखान जिसने भी सुना है , उनका जीवन परिवर्तन हो गया है , लेकिन फिर भी उनके जीवन से से जुड़े कुछ बातों लिखने की कोशिश कर रहा हूँ ।
आइये जानते हैं राजीव दीक्षित के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य जो सायद आप नही जानते होंगे :-✍️
1. राजीव दीक्षित बचपन से ही किताबें पढ़ने के सौकिन रहें हैं ,कहा जाता है वे 800 रुपये प्रतिमाह सिर्फ किताबें और अखबार पढ़ने मे खर्च कर देते थे । उनका ज़्यादातर समय देश के समस्याओं के अध्ययन मे जाता था , यही नहीं राजीव दीक्षित ने अपने जीवन काल मे कई पुस्तकें भी लिखे हैं ,जिसका pdf आसानी से इंटरनेट पर उपलब्ध है ।
2. राजीव दीक्षित एक प्रखर प्रवक्ता थे , ये तो आप भलीभाँति परिचित हैं , राजीव दीक्षित ने अपने जीवन काल मे 13 हजार से भी ज्यादा व्याखान दिये हैं ,उसमे से ज़्यादातर आज इंटरनेट पर बड़े आसानी से मिल जाते हैं ।
3. राजीव दीक्षित के मौत का दिन भी एक संयोग ही था , क्योंकि ऐसा संयोग किसी महापुरुष के साथ ही संभव है , राजीव भाई का जन्म और मृत्यु एक दिन एक ही था । उनका जन्म 30 नवम्बर 1967 तथा मृत्यु 30 नवम्बर 2010 को हुआ था ।
4. यह बात बहुत कम लोगों को ही पता है ,कि राजीव दीक्षित देश हित कई बार जेल भी गए थे , राजीव भाई भले ही अपने आपको गांधीवादी कहते थे लेकिन उनके आंदोलन करने का तरीका भगत सिंह से प्रेरित था ।
5. राजीव दीक्षित अपने व्याखन मे जो आयुर्वेद के नियम बताते थे उन्हे वो खुद भी प्रयोग मे लाते थे , जैसे बैठ कर पानी पिना, वे जब भी पानी पीते बैठ कर ही पीते थे ।
7. काला धन पर बात करने वाले पहले व्यक्ति बाबा रामदेव या अन्ना हज़ारे नही बल्कि राजीव दीक्षित ही थे , राजीव दीक्षित ने कला धन को देश मे वापस लाने के 4 तरीके बताएं थे , जो आज प्रयोग मे लाये जा सकते हैं ।
8. राजीव दीक्षित कभी ब्रश से मुह नहीं धोते थे , वे मुह धोने के लिए या तो दातुन या फिर मंजन का प्रयोग करते थे ।
9. कहा जाता है ,जब उन्हे जुकाम होता था, तो वे मेथी के दाने को अपने अंगूठे मे बांध लेते थे और ऐसा करने से उनका जुकाम ठीक भी हो जाता था , राजीव दीक्षित बोलते थे मै 20 साल से बीमार नहीं हुआ ।
10. राजीव दीक्षित के गुरु का नाम प्रोफेसर धर्मपाल था , वे एक जाने माने इतिहासकारों मे से थे ,प्रोफेसर धर्मपाल का प्रोग्राम BBC पर आता था , यह कहना गलत नहीं होगा कि राजीव दीक्षित के स्वदेशी के प्रति प्रेम का पूरा श्रेय उनके गुरु को जाता है , दुर्भाग्य से आज दोनों इस दुनिया मे नहीं हैं ।
11. इतने प्रतिभाशाली होने के बाद भी राजीव दीक्षित कभी नेशनल टीवी चैनल पर नहीं आए , उसका कारण राजीव दीक्षित खुद बताते थे कि मै विदेशी कंपनियों के खिलाफ बोलता हूँ और विदेशी कंपनियों का विज्ञापन नेशनल टीवी चैनल लेते हैं , इसलिए वो कभी मुझे अपने प्रोग्राम मे नहीं बुलाते , लेकिन वे हमसे ऑफ रेकॉर्ड बात- चित जरूर करते हैं ।
12. राजीव दीक्षित पहले व्यक्ति थे जिन्होने पहली बार मदर टरेसा का सच सबके सामने लाया था , तथा इससाइयों के चल रहे षडयंत्र को उजागर किया था , जिसके बाद उनको कई बार धमकियाँ भी आई थी ।
14. राजीव दीक्षित 2014 मे चुनाव लड़ने कि तैयारी कर रहें थे जिसमे वो खुद दावेदारी नहीं करते बल्कि , योग्य व्यक्तियों को चुनाव मे भेजते ताकि उनसे देश हित मे कार्य कराया जा सके , इस बात मे कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि नहीं है ,लेकिन यह बात उनके भारत स्वाभिमान मे आने के बाद की है।
15. वर्ष 1999 मे ही राजीव दीक्षित बाबा रामदेव के संपर्क मे आ गए थे , तब तक बाबा रामदेव सिर्फ योग की ही बात करते थे , जिसके बाद राजीव दीक्षित ने बाबा रामदेव को भारत देश की समस्याओं तथा स्वदेशी की और आकृष्ट किया । बाद मे जाकर भारत स्वाभिमान का गठन हुआ, और दोनों मिलकर राष्ट्र निर्माण के काम मे लग गए।
16. बाबा रामदेव के पतंजलि के इतना बड़ा ब्रांड होने के पीछे राजीव दीक्षित का स्वदेशी ज्ञान रहा है , अगर राजीव दीक्षित अपने ज्ञान को बाबा रामदेव को न देते तो आज पतंजलि इतना बड़ा ब्रांड नहीं बनता।
17. राजीव दीक्षित के द्वारा इकट्ठा की गई सारे दस्तावेज़ आज भी बाबा रामदेव के पास सुरक्षित है , लेकिन बाबा रामदेव इसे अपनी विरासत मान बैठें हैं ।
18. आठ साल बाद राजीव दीक्षित की मौत की जाँच हो रही है ,उनका मौत बहुत बड़ा रहस्य बना हुआ था , समय -समय पर उनके मौत की जांच को लेकर आंदोलन हुआ करते थे ,
आठ साल बाद होगी राजीव दीक्षित की मौत की जाँच : प्रधानमंत्री कार्यालय से मिला आदेश पढे पूरी खबर
रिपोर्ट : प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली हरी झंडी , अब होगी राजीव दीक्षित की रहस्यमय मौत की जाँच -
प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ , के भिलाई मे होगी जाँच की पूरी प्रक्रिया , वर्ष 30 नवम्बर 2010 को रात 10 बजे भिलाई के बीएसआर अपोलो हॉस्पिटल मे इनकी रहस्यमय मौत हुई थी । मौत के बाद से ही इनके समर्थकों ने मौत की जाँच की मांग कर रहें थे। पीएमओ द्वारा जाँच के आदेश के बाद से ही समर्थकों मे खुशी की लहर है । राजीव दीक्षित के मौत के बाद पोस्टमार्टम का न होना ,यह बात कुछ लोगों को सवालों के घेरे मे खड़ा करती है , जिसमे बाबा रामदेव को भी समय -समय पर सवालों के घेरे खड़ा किया जाता रहा है ।समर्थकों का मानना है, कि उनको जहर दिया गया था , समर्थकों के खिचे गए तस्वीरों मे राजीव दीक्षित के चेहरे का रंग काला दिखाई पड़ता है , ये लक्षण आम तौर पर जहर से हुई मृत्यु मे दिखाई देता है ।
कारण कुछ भी हो , परंतु राजीव दीक्षित जैसे व्यक्तित्व की आचानक से मौत हो जाना , स्वाभाविक नहीं लगता क्योंकि उनको कोई बीमारी भी नही थी । मौत के बाद पोस्टमार्टम का न होना भी रहस्य की बात बनी हुई है ।
मौत के बाद बताई गई मौत की वजह :
राजीव दीक्षित के मौत के बाद बाबा रामदेव ने अपने वक्तव्य मे हार्ट अट्टेक मौत की वजह बताई थी , बाबा रामदेव का कहना था की राजीव दीक्षित हार्ट के मरीज थे बहुत दिनों से दवाई भी खा रहे थे । परंतु राजीव दीक्षित खुद अपने व्यखानों मे बोलते थे- मै आज तक बीमार नहीं पड़ा , क्योकि मै आयुर्वेद के नियमों का कट्टरता से पालन करता हूँ । बाबा रामदेव के इस वक्तव्य के बाद से ही सवालों के घेरे मे आ गए थे।
प्रियंका पाठक की किताब Godman to Tycoon : The Untold Story of Baba Ramdev मे भी बाबा रामदेव सवालों के घेरे मे :
प्रियंका पाठक की लिखी गई किताब Godman to Tycoon मे बाबा रामदेव को कई बार सवालों के घेरे मे रखा गया है , साथ की बाबा रामदेव के गुरु की भी रहस्यमय हालात के गायब हो जाने की गुत्थी भी अभी तक नहीं सुलझ पाई है , बाबा रामदेव के गुरु स्वामी संकरदेव के गायब होने पर भी बाबा रामदेव सवालों के घेरे मे हैं क्योंकि उनके गुरु के गायब होने के बाद बाबा रामदेव अपने गुरु का जिक्र भी नही करते , पूछे जाने पर भी ढुल-मुल जबाब देते हैं ।
कब होगी जांच ?
पीएमओ के आदेश के बाद दुर्ग पुलिस को जाँच का भार दिया गया है ,मौत की घटना भिलाई मे हुई थी ,इसलिए जांच की प्रक्रिया वहीं से सुरू की जाएगी , सूत्र के आनुसार जाँच सुरू कर दी गई है ।
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