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Amazing facts about Bhagat Singh - भगत सिंह के बारे में ग़ज़ब रोचक तथ्य


भगत सिंह के बारे में ग़ज़ब रोचक तथ्य           


    क्रांति का दूसरा नाम हैं भगत सिंह। इनका जन्म 1907 में और फाँसी 1931 में हुई. 23 साल की उम्र में भगत सिंह हंसते-हंसते फाँसी पर झूल गए थे. हम बचपन से किताबों में यही पढ़ते आ रहे हैं लेकिन कुछ ऐसी भी बाते होती हैं जो किताबों में नही बताई जाती. जैसे किताबों में भगत सिंह को शहीद बताया जाता हैं लेकिन भारत सरकार तो उन्हें शहीद नही मानती. आज हम शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के बारे में ऐसे ही रोचक तथ्य बताएंगे जो शायद आपको न पता हो.

Amazing facts about Bhagat Singh | भगत सिंह के बारे में ग़ज़ब रोचक तथ्य


1. बचपन में जब भगत सिंह अपने पिता के साथ खेत में जाते थे तो पूछते थे कि हम जमीन में बंदूक क्यों नही उपजा सकते.

2. जलियावाला बाग हत्याकांड के समय भग़त सिंह की उम्र सिर्फ 12 साल थी। इस घटना ने भगत सिँह को हमेशा के लिए क्रांतिकारी बना दिया.

3. भगत सिंह ने अपने काॅलेज के दिनो में ‘National Youth Organisation‘ की स्थापना की थी.

4. भग़त सिंह शादी नहीं करना चाहते थे। जब उनके माता-पिता उनकी शादी की योजना बना रहे थे, वह घर छोड़कर कानपुर आ गए थे। उन्होनें कहा अब तो आजादी ही मेरी दुल्हन बनेगी.

5. काॅलेज के दिनो में भग़त सिंह एक अच्छे अभिनेता भी थे. उन्होने बहुत से नाटकों में हिस्सा लिया. भग़त सिंह को कुश्ती का भी शौक था.

6. भग़त सिंह एक अच्छे लेखक भी थे वो उर्दू और पंजाबी भाषा में कई अखबारों के लिए नियमित रूप से लिखते थे.

7. भग़त सिंह ने अपना वेश वदलने के लिए अपने बाल कटवा लिए और दाढ़ी भी साफ करवा ली। अंग्रेजो से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी था.

8. सेंट्रल असेंबली में भगत सिंह और उनके साथियों ने जो बम फेंके थे, वो निचले स्तर के विस्फोटक से बनाए गए थे, क्योंकि वह किसी को मारना नहीं, बल्कि अपना संदेश देना चाहते थे.

9. हिन्दू-मुस्लिम दंगों से दुःखी होकर भग़त सिंह ने घोषणा की थी कि वह नास्तिक हैं.

10. महात्मा गांधी की अहिंसा की नीतियों से भगत सिंह सहमत नहीं थे. भगत सिंह को लगता था कि बिना हथियार उठाए आजादी नहीं मिल सकती हैं.

11. भग़त सिंह को फिल्में देखना और रसगुल्ले खाना काफी पसंद था। वे राजगुरु और यशपाल के साथ जब भी मौका मिलता था, फिल्म देखने चले जाते थे। चार्ली चैप्लिन की फिल्में बहुत पसंद थीं। इस पर चंद्रशेखर आजाद बहुत गुस्सा होते थे.

12. ‘इंकलाब जिंदाबाद’ जैसे नारे भगत सिंह ने दिए थे.

13. देश की सरकार भगत सिंह को शहीद नहीं मानती है, जबकि आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले भगत सिंह हर हिन्दुस्तानी के दिल में बसते हैं.

14. भग़त सिंह के जूते, घड़ी और शर्ट आज भी सुरक्षित हैं.

15. भगत सिंह को फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश जी.सी. हिल्टन था.

16. महात्मा गाँधी चाहते तो भगत सिँह की फांसी रूकवा सकते थे. लेकिन उन्होनें ऐसा नही किया.

17. भगत सिंह और उसके साथियों को फाँसी की सजा इसलिए सुनाई गई क्योकिं उन्होनें नेशनल असेम्बली में बम गिराया था.

18. आदेश के मुताबिक भग़त सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को फांसी लगाई जानी थी, सुबह करीब 8 बजे. लेकिन 23 मार्च 1931 को ही इन तीनों को देर शाम करीब सात बजे फांसी लगा दी गई और शव रिश्तेदारों को न देकर रातों रात ले जाकर व्यास नदी के किनारे जला दिए गए. अंग्रेजों ने भग़त सिंह और अन्य क्रांतिकारियों की बढ़ती लोकप्रियता और 24 मार्च को होने वाले संभावित विद्रोह की वजह से 23 मार्च को ही भग़त सिंह और अन्य को फांसी दे दी.

19. भग़त सिंह की चिता एक बार नही बल्कि दो बार जलाई गई थी.

20. भगत सिंह की अंतिम इच्छा थी कि उन्हें गोली मार कर मौत दी जाए। हालांकि, ब्रिटिश सरकार ने उनकी इस इच्छा को भी नज़रअंदाज़ कर दिया.

🔜 देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी और अपने जज्‍बे से नई पीढि़यों को जज्‍बा देने वाले भगत सिंह का जन्‍म 1907 में 28 सितंबर को हुआ था.

🔜 सरदार भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 मेँ पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) में एक सिख परिवार मेँ हुआ था। 

🔜 उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। 

🔜 भगतसिंह के जन्म के बाद उनकी दादी ने उनका नाम 'भागो वाला' रखा था। जिसका मतलब होता है 'अच्छे भाग्य वाला'। बाद में उन्हें 'भगतसिंह' कहा जाने लगा। 

🔜 भगत सिंह मात्र 14 वर्ष की आयु से ही पंजाब की क्रांतिकारी संस्थाओं में कार्य करने लगे थे। 

🔜 सरदार भगत सिंह का पूरा परिवार देशभक्त और क्रांतिकारी था। पिता सरदार किशन सिंह और दो चाचा सरदार अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह भी देश के लिए कई बार जेल गए।


🔜 सन 1923 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें विवाह बंधन में बांधने की तैयारियां होने लगी तो वह लाहौर से भागकर कानपुर आ गए। फिर देश की आजादी के संघर्ष में रम गये व अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। 

🔜 भगत सिंह ने महात्मा गांधी जी से प्रेरित होकर उनके 'असहयोग आंदोलन' में भाग लिया। 

🔜 महात्मा गांधी की अहिंसा की नीतियों से भगत सिंह सहमत नहीं थे. भगत सिंह को लगता था कि बिना हथियार उठाए आजादी नहीं मिल सकती है।

🔜 लाला लाजपतराय की मौत का बदला लेने के लिए भगत सिंह और उनके दोस्तों ने स्कॉट सांडर्स को गोलियों से भून दिया। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंका। 

🔜 भगत सिंह और क्रांति दल के सदस्यों ने असेम्बली पर बम लोगों की जान लेने के लिए नही फेंका था, बल्कि ब्रिटिश सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए फेंका था।

🔜 भगत सिंह और उनके साथियों को लाहौर जेल में बंद रखा गया था। भगत सिंह ने जेल मे डायरी और पत्र लिखा था। उनकी डायरी क्रांतिकारी विचारों से भरी हुई थी।

🔜 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह को राजगुरु एवम सुखदेव के साथ फांसी दे दी गयी। 

🔜 भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में सरदार भगत सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। वह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। 

🔜 भगत सिंह का नारा "इन्कलाब जिन्दाबाद" आज भी हर भारतीय के लिए ऊर्जावान है। 

🔜 उन्होंने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस का परिचय दिया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है, जिस कारण उनका नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है।

🔜 भगत सिंह का जीवन चरित्र लाखो नौजवानों को देश और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य पालन की सीख देता रहा है।

🔜 लाहौर में स्‍कूली शिक्षा के दौरान ही उन्‍होंने यूरोप के विभिन्‍न देशों में हुई क्रांतियों का अध्‍ययन किया. 13 अप्रैल, 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्‍याकांड ने उन पर गहरा असर डाला और गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत की आजादी के सपने देखने लगे.

🔜  महात्‍मा गांधी ने जब 1922 में चौरीचौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को खत्‍म करने की घोषणा की तो भगत सिंह का अहिंसावादी विचारधारा से मोहभंग हो गया.

🔜  उन्‍होंने 1926 में देश की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्‍थापना की. 

🔜 परिजनों ने जब उनकी शादी करनी चाही तो वह घर छोड़कर कानपुर भाग गए. अपने पीछे जो खत छोड़ गए उसमें उन्‍होंने लिखा कि उन्‍होंने अपना जीवन देश को आजाद कराने के महान काम के लिए समर्पित कर दिया है.


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